Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
प्रगट उदधि मंथन more info में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त more info कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।